अक्सर वो कहते हैं वो बस मेरे हैं... - Kashi Patrika

अक्सर वो कहते हैं वो बस मेरे हैं...


गम होते हैं जहाँ जेहानत होती है,
दुनिया में हर शय की कीमत होती है।

अक्सर वो कहते हैं वो बस मेरे हैं,
अक्सर क्यूँ कहते हैं हैरत होती है।

तब हम दोनों वक़्त चुरा कर लाते थे, 
अब मिलते हैं जब भी फ़ुर्सत होती है।

अपनी महबूबा में अपनी माँ देखें, 
बिन माँ के लड़कों की फितरत होती है

इक कश्ती में एक कदम ही रखते हैं,
कुछ लोगों की ऐसी आदत होती है।
■ जावेद अख्तर 

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