जनहित याचिका खारिज।।
हाईकोर्ट कोर्ट ने कहा, “काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर आम लोगों के लाभ के लिए है और विकास परियोजनाओं को इस तरह से रोका नहीं जा सकता है।”
काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर और गंगा पाथवे परियोजना के मामले में सरकार को राहत देते हुए हाईकोर्ट ने जनहित याचिका को खारिज कर दिया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति डीबी भोसले और न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की पीठ ने वाराणसी के सुनील कुमार सिंह द्वारा दायर यह जनहित याचिका खारिज की। याचिका में इन परियोजनाओं पर रोक लगाने की मांग की गई थी।
याचिका में योजना का खाका जारी कराने, काशी विश्वनाथ मंदिर के आसपास के इलाके में स्थित मकानों को गिराए जाने पर रोक लगाने और काशी विश्वनाथ गलियारे के निर्माण के लिए लोगों से उनका मकान खाली नहीं कराने का अनुरोध किया गया था।
याचिकाकर्ता की दलील थी कि मकानों को ढहाने और गलियारे का निर्माण कराए जाने से शहर का मूल ढांचा बदल जाएगा, इसलिए अदालत को इस पर रोक लगानी चाहिए। इस जनहित याचिका को खारिज करते हुए अदालत ने कहा कि काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर आम लोगों के लाभ के लिए है और विकास परियोजनाओं को इस तरह से रोका नहीं जा सकता है।
ज्ञात हो कि इस परियोजना के लिए मंदिर के आसपास के पक्का महाल (पुराने बनारस) के 167 मकानों को ध्वस्त किया जाना है। इससे पहले हाई कोर्ट ने सुंदरीकरण और जनसुविधाएं बढ़ाने के लिए खरीदे गए भवनों के ध्वस्तीकरण पर रोक की मांग को लेकर दाखिल कमला देवी की याचिका को खारिज कर दिया था।
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हाईकोर्ट कोर्ट ने कहा, “काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर आम लोगों के लाभ के लिए है और विकास परियोजनाओं को इस तरह से रोका नहीं जा सकता है।”
काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर और गंगा पाथवे परियोजना के मामले में सरकार को राहत देते हुए हाईकोर्ट ने जनहित याचिका को खारिज कर दिया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति डीबी भोसले और न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की पीठ ने वाराणसी के सुनील कुमार सिंह द्वारा दायर यह जनहित याचिका खारिज की। याचिका में इन परियोजनाओं पर रोक लगाने की मांग की गई थी।
याचिका में योजना का खाका जारी कराने, काशी विश्वनाथ मंदिर के आसपास के इलाके में स्थित मकानों को गिराए जाने पर रोक लगाने और काशी विश्वनाथ गलियारे के निर्माण के लिए लोगों से उनका मकान खाली नहीं कराने का अनुरोध किया गया था।
याचिकाकर्ता की दलील थी कि मकानों को ढहाने और गलियारे का निर्माण कराए जाने से शहर का मूल ढांचा बदल जाएगा, इसलिए अदालत को इस पर रोक लगानी चाहिए। इस जनहित याचिका को खारिज करते हुए अदालत ने कहा कि काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर आम लोगों के लाभ के लिए है और विकास परियोजनाओं को इस तरह से रोका नहीं जा सकता है।
ज्ञात हो कि इस परियोजना के लिए मंदिर के आसपास के पक्का महाल (पुराने बनारस) के 167 मकानों को ध्वस्त किया जाना है। इससे पहले हाई कोर्ट ने सुंदरीकरण और जनसुविधाएं बढ़ाने के लिए खरीदे गए भवनों के ध्वस्तीकरण पर रोक की मांग को लेकर दाखिल कमला देवी की याचिका को खारिज कर दिया था।
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