देश में 27 जुलाई यानी गुरु पूर्णिमा के दिन को सदी का सबसे बड़ा चन्द्र ग्रहण लगने जा रहा है। इसे ब्लड मून का नाम भी दिया जा रहा है। यूरोप, एशिया, दक्षिण अफ्रिका और अॉस्ट्रेलिया से नजर आने वाले इस ब्लड मून को सामान्य तौर पर 1 घंटा और 43 मिनट तक देखा जा सकेगा।
नारंगी दिखने के कारण ब्लड मून दिया जा रहा नाम
जानकारी के अनुसार, चन्द्रग्रहण शुक्रवार रात को 11 बजकर 43 मिनट पर दिखना शुरू होगा और 2 बजकर 43 मिनट तक दिखेगा। वैज्ञानिकों का कहना है कि चंद्रमा शुक्रवार को पृथ्वी से अधिक दूरी पर रहेगा। इसके कारण चंद्रमा आकार में छोटा लगने के कारण लंबे समय तक पृथ्वी की छाया में रहेगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ग्रहण की अवधि सामान्य से 40 फीसदी तक अधिक होगी। इसके साथ ही मौसम खराब होने के कारण वैज्ञानिकों का कहना है कि चंद्रग्रहण मुश्किल से दिखाई देगा
चंद्रग्रहण 1 घंटा 43 मिनट तक देगा दिखाई
वैज्ञानिकों ने कहा कि पूर्ण चंद्रग्रहण होने के कारण चंद्रमा पर सूर्य का प्रकाश नहीं पड़ेगा बल्कि धरती का प्रकाश ही परावर्तित होकर वापस नजर आएगा। बता दें कि 31 जनवरी को चंद्रमा पृथ्वी से बहुत नजदीक था। इसके कारण एक महीने में 2 पूर्णिमा आई थी। इन संयोगों के कारण ही इसे सुपर मून, ब्लू मून और अब ब्लड मून नाम दिया गया है।
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