रात 11:15 बजे तक लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर कार्यवाही चली।
सरकार के पक्ष में 325, जबकि विपक्ष में 126 वोट पड़े।
उम्मीद के अनुरूप मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव लोकसभा में 126 के मुकाबले 325 मतों से गिर गया। तेलुगुदेशम पार्टी सदस्य के. श्रीनिवास द्वारा पेश अविश्वास प्रस्ताव पर करीब 12 घंटे चली चर्चा में राहुल गांधी ने 48 मिनट में केंद्र और मोदी पर आरोप लगाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डेढ़ घंटे तक चर्चा का जवाब दिया। इसके बाद मत विभाजन में प्रस्ताव के पक्ष में 126 और विरोध में 325 मत पड़े। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने मत विभाजन का ब्योरा देते हुए घोषणा की कि अविश्वास प्रस्ताव गिर गया है।
विपक्ष के खाते में अनुमान से 11 वोट कम
शुक्रवार सुबह 18 सांसदों वाली शिवसेना ने यू-टर्न लेते हुए कहा कि वह वोटिंग में हिस्सा नहीं लेगी। इससे 313 सांसदों वाले एनडीए का संख्याबल घटकर 295 रह गया था। हालांकि, वोटिंग के बाद सरकार के समर्थन में 325 वोट डाले गए। यानी एनडीए के अनुमान से 30 वोट ज्यादा। उधर, कांग्रेस की अगुआई वाले यूपीए के पास 63 सांसद थे। अन्य मोदी विरोधी दलों के सांसदों की संख्या 74 थी। इस तरह कुल 137 सांसद सीधे तौर पर सरकार के खिलाफ नजर आ रहे थे। लेकिन, अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में 126 वोट ही पड़े। यानी विपक्ष के अनुमान से 11 वोट कम। अविश्वास प्रस्ताव की पूरी प्रक्रिया के दौरान 65 सांसद ऐसे थे, जिनके दलों का रुख साफ नहीं था।
■■
सरकार के पक्ष में 325, जबकि विपक्ष में 126 वोट पड़े।
उम्मीद के अनुरूप मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव लोकसभा में 126 के मुकाबले 325 मतों से गिर गया। तेलुगुदेशम पार्टी सदस्य के. श्रीनिवास द्वारा पेश अविश्वास प्रस्ताव पर करीब 12 घंटे चली चर्चा में राहुल गांधी ने 48 मिनट में केंद्र और मोदी पर आरोप लगाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डेढ़ घंटे तक चर्चा का जवाब दिया। इसके बाद मत विभाजन में प्रस्ताव के पक्ष में 126 और विरोध में 325 मत पड़े। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने मत विभाजन का ब्योरा देते हुए घोषणा की कि अविश्वास प्रस्ताव गिर गया है।
विपक्ष के खाते में अनुमान से 11 वोट कम
शुक्रवार सुबह 18 सांसदों वाली शिवसेना ने यू-टर्न लेते हुए कहा कि वह वोटिंग में हिस्सा नहीं लेगी। इससे 313 सांसदों वाले एनडीए का संख्याबल घटकर 295 रह गया था। हालांकि, वोटिंग के बाद सरकार के समर्थन में 325 वोट डाले गए। यानी एनडीए के अनुमान से 30 वोट ज्यादा। उधर, कांग्रेस की अगुआई वाले यूपीए के पास 63 सांसद थे। अन्य मोदी विरोधी दलों के सांसदों की संख्या 74 थी। इस तरह कुल 137 सांसद सीधे तौर पर सरकार के खिलाफ नजर आ रहे थे। लेकिन, अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में 126 वोट ही पड़े। यानी विपक्ष के अनुमान से 11 वोट कम। अविश्वास प्रस्ताव की पूरी प्रक्रिया के दौरान 65 सांसद ऐसे थे, जिनके दलों का रुख साफ नहीं था।
■■
No comments:
Post a Comment