भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (एमपीसी) ने बुधवार को ब्याज दरें बढ़ाने की घोषणा की...
आरबीआई ने वित्त वर्ष 2018-19 की तीसरी मौद्रिक समीक्षा में रेपो में 0.25 फ़ीसदी की बढ़ोतरी कर दी है। इस बढ़ोतरी के बाद रेपो दर 6.5 फ़ीसदी हो गई है। रेपो रेट वह दर है, जिस दर पर बैंक रिज़र्व बैंक से कर्ज़ लेते हैं। इसका सीधा मतलब है कि जब बैंकों को रिज़र्व बैंक से ही महंगा कर्ज़ मिलेगा तो उसका बोझ ग्राहकों पर ही पड़ेगा। यानी आम ग्राहकों के लिए बैंकों से कर्ज़ लेना महंगा हो जाएगा।
रिज़र्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने बताया कि चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-सितंबर अवधि में जीडीपी वृद्धि दर 7.5-7.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है। मौद्रिक नीति समिति ने जून में हुई पिछली समीक्षा बैठक में भी मुख्य ब्याज दर रेपो को 0.25 प्रतिशत बढ़ाकर 6.25 प्रतिशत कर दिया था।
■सोर्स
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