समय की अधिकता से अकुताई जनता त्राहिमाम कर रही हैं और राजनेताओं से फरियाद कर रही है कि घिसेपिटे मुद्दों से ऊपर उठें हुजूर और कुछ तो ऐसा बोले जिसमें बवालिया रस हो। हम कुछ कहे-सुने और सामने वाला भी जोरदार बहस करें। रोजगार के बिना फुरसत में बैठे हैं, सो आप से भरपूर इंटरटेनमेंट चाहते हैं, ताकि खाली समय का सदुपयोग भी होता रहे और खाली पेट की चिंता भी न सताए। इतिहास, अर्थशास्त्र...सभी विषयों का अपार भण्डार आपके पास ही तो है...
माँ सीता टेस्ट ट्यूब बेबी हैं
जनवरी 2018 में एक सूबे के मुख्यमंत्री ने इतिहास को नए सिरे से परिभाषित कर दिया, फिर क्या था, उनकी बात के समर्थन में सूबे के सांसद ने महाभारत काल के संजय को 'एक लाइव टीवी बता दिया।' जिसके जरिए वो अपने घर से कुरुक्षेत्र का हाल जान लेते थे।
जैसे बयानवीर बनने की होड़ लग गई और डिप्टी सीएम क्यों पीछे रहते! महाभारत बदल सकता है, रामायण युग क्यों अछूता रहता, तो जनाब ने सीता मइया को ट्यूब बेबी बना दिया। 'इंडिया स्किल्स क्षेत्रीय प्रतियोगिता-2018' के शुभारम्भ में जहाँ पांच राज्यों के 200 से ज्यादा प्रतियोगी मौजूद थे दिया नेता जी का ये बयान काफी चर्चा में रहा। वैसे नेता जी की शिक्षा आधुनिक ढंग से हुई हैं और उन्होंने मनोविज्ञान से पीएचडी कर रखी है। लगता है, तभी जनता के मनोविज्ञान से भी भलीभांति परिचित हैं। वैसे हमारे एक मित्र ने भी उलूल-जुलूल टीवी चैनल देख कर एक शगूफा छोड़ा कि इस प्रकार तो भगवान कृष्ण को वैज्ञानिक भाषा में एलियन भी कह सकते हैं। बयान देकर न तो वो मित्र शर्मिंदा हैं और न ही नेता जी।
मॉब लिंचिंग विदेशी षड्यंत्र
जब से नेताजी मुख्यमंत्री बने हैं, लाइमलाइट में बने रहते हैं। लगता है कसम खा रखे हैं कि जब भी मुँह खोलेंगे तो, धाराप्रवाह बकैती ही निकलेगी। अब मामला कुछ ऐसा है कि नेता जी ने पहले तो कहा कि इंटरनेट का
आविष्कार महाभारत काल में हुआ और धृतराष्ट्र जी ने महाभारत का युद्ध लाइव अपने कमरे में सुना। अब देवी- देवताओं का विशेषाधिकार केवल जनाब की पार्टी के पास है, तो हमें इस पर कुछ संदेह भी नहीं करना चाहिए।
मुद्दा शांत भी नहीं हुआ था कि नेता जी ने एक बार फिर से जुबान खोली और विश्व सुंदरी प्रतियोगिता में 1997 की विजेता की जीत और सुंदरता पर सवाल खड़ा कर दिया। उन्होंने सिर्फ इतना ही नहीं कहा बल्कि, सौंदर्य प्रतियोगिताएं को एक मजाक करार देते हुए कहा इनके परिणाम पूर्व निर्धारित होते हैं। ख़ैर, युवती ने भी नेता जी को खरी खोटी सुनाई और मामला शांत हो गया। जुलाई में नेता जी ने तो हद ही पार कर दी। मॉब लिंचिंग पर सरकार का बचाव करते हुए कहा कि मॉब लिंचिंग की वारदातें अंतराष्ट्रीय षड्यंत्र का नतीजा हैं।
अब इन सब को सुनने के बाद हम तो इतना ही कहेंगे कि नेता जी चलचित्रों से बहुत ज्यादा प्रभावित हैं और उन्हें आम जिंदगी में भी उतारने का भरसक प्रयास करते हैं।
■ सिद्धार्थ सिंह
माँ सीता टेस्ट ट्यूब बेबी हैं
जनवरी 2018 में एक सूबे के मुख्यमंत्री ने इतिहास को नए सिरे से परिभाषित कर दिया, फिर क्या था, उनकी बात के समर्थन में सूबे के सांसद ने महाभारत काल के संजय को 'एक लाइव टीवी बता दिया।' जिसके जरिए वो अपने घर से कुरुक्षेत्र का हाल जान लेते थे। जैसे बयानवीर बनने की होड़ लग गई और डिप्टी सीएम क्यों पीछे रहते! महाभारत बदल सकता है, रामायण युग क्यों अछूता रहता, तो जनाब ने सीता मइया को ट्यूब बेबी बना दिया। 'इंडिया स्किल्स क्षेत्रीय प्रतियोगिता-2018' के शुभारम्भ में जहाँ पांच राज्यों के 200 से ज्यादा प्रतियोगी मौजूद थे दिया नेता जी का ये बयान काफी चर्चा में रहा। वैसे नेता जी की शिक्षा आधुनिक ढंग से हुई हैं और उन्होंने मनोविज्ञान से पीएचडी कर रखी है। लगता है, तभी जनता के मनोविज्ञान से भी भलीभांति परिचित हैं। वैसे हमारे एक मित्र ने भी उलूल-जुलूल टीवी चैनल देख कर एक शगूफा छोड़ा कि इस प्रकार तो भगवान कृष्ण को वैज्ञानिक भाषा में एलियन भी कह सकते हैं। बयान देकर न तो वो मित्र शर्मिंदा हैं और न ही नेता जी।
मॉब लिंचिंग विदेशी षड्यंत्र
जब से नेताजी मुख्यमंत्री बने हैं, लाइमलाइट में बने रहते हैं। लगता है कसम खा रखे हैं कि जब भी मुँह खोलेंगे तो, धाराप्रवाह बकैती ही निकलेगी। अब मामला कुछ ऐसा है कि नेता जी ने पहले तो कहा कि इंटरनेट का
आविष्कार महाभारत काल में हुआ और धृतराष्ट्र जी ने महाभारत का युद्ध लाइव अपने कमरे में सुना। अब देवी- देवताओं का विशेषाधिकार केवल जनाब की पार्टी के पास है, तो हमें इस पर कुछ संदेह भी नहीं करना चाहिए।
मुद्दा शांत भी नहीं हुआ था कि नेता जी ने एक बार फिर से जुबान खोली और विश्व सुंदरी प्रतियोगिता में 1997 की विजेता की जीत और सुंदरता पर सवाल खड़ा कर दिया। उन्होंने सिर्फ इतना ही नहीं कहा बल्कि, सौंदर्य प्रतियोगिताएं को एक मजाक करार देते हुए कहा इनके परिणाम पूर्व निर्धारित होते हैं। ख़ैर, युवती ने भी नेता जी को खरी खोटी सुनाई और मामला शांत हो गया। जुलाई में नेता जी ने तो हद ही पार कर दी। मॉब लिंचिंग पर सरकार का बचाव करते हुए कहा कि मॉब लिंचिंग की वारदातें अंतराष्ट्रीय षड्यंत्र का नतीजा हैं।
अब इन सब को सुनने के बाद हम तो इतना ही कहेंगे कि नेता जी चलचित्रों से बहुत ज्यादा प्रभावित हैं और उन्हें आम जिंदगी में भी उतारने का भरसक प्रयास करते हैं।
■ सिद्धार्थ सिंह




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