ख्वाब में तेरा आना-जाना पहले भी था आज भी है,
तुझ से इक रिश्ता अन-जाना पहले भी था आज भी है।
रंग बदलती इस दुनिया में सब कुछ बदल गया लेकिन,
मेरे लबों पर तेरा फसाना पहले भी था आज भी है।
अपने दुख-सुख कह लेना कभी हँस लेना कभी रो लेना,
तन्हाई से अपना याराना पहले भी था आज भी है।
जिस पंछी की परवाजों में जोश-ए-जुनूँ भी शामिल हो,
उस की खातिर आब-ओ-दाना पहले भी था आज भी है।
राह-ए-वफा में फूल नहीं हैं खार बहुत हैं 'हस्ती' जी,
प्यार का दुश्मन सारा जमाना पहले भी था आज भी है।
■ हस्तीमल हस्ती



No comments:
Post a Comment