हफ्ते भर की खबरों का लेखाजोखा॥
आम आदमी के चश्मे से देखें तो, आजादी की 72वीं वर्षगांठ के जश्न में सराबोर देश को अटलजी की विदाई ने शोक से भर दिया। “हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा” जैसी स्वरचित पंक्तियों से देशवासियों में जोश भरने वाले प्रिय नेता अब अनंत की यात्रा पर निकल पड़े, खुदको यह यकीन दिलाना असंभव सा हो रहा है।इन सबके बीच, केरल में बाढ़ से बेहाल लोग, मुजफ्फरपुर मामला, “आप” की नई अपडेट, डॉलर के मुकाबले गिरता रुपया जैसी खबरे कही दब कर रह गईं। वहीं, पाकिस्तान में इमरान ने आज पीएम का पदभार सम्भाल लिया।
हरिद्वार के गंगा में विसर्जित होंगी अटलजी की अस्थियां
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का अस्थि कलश 19 अगस्त को हरिद्वार लाया जाएगा। अस्थि कलश को जनता के अंतिम दर्शनों के लिए रखने के बाद गंगा में विसर्जित किया जाएगा। इस मौके पर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत अस्थि कलश यात्रा के साथ हरिद्वार पहुंचेंगे। डीएम दीपक रावत ने बताया कि अस्थि विसर्जन दिन में 11 बजे से एक बजे के बीच हरकी पैड़ी पर होगा। दिल्ली से अस्थि कलश सड़क मार्ग से हरिद्वार लाया जाएगा। जिला प्रशासन ने हरकी पैड़ी और ब्रह्मकुंड क्षेत्र में इंतजाम शुरू कर दिए हैं। अस्थि विसर्जन के इंतजामों को लेकर भाजपा प्रदेश महामंत्री नरेश बंसल ने शुक्रवार शाम को हरिद्वार पहुंचकर स्थानीय नेताओं के साथ बैठक की। बैठक में जिले के 23 मंडलों के अध्यक्ष समेत सभी मोर्चो के जिलाध्यक्ष व जिला भाजपा के पदाधिकारी शामिल हुए। हाईकमान ने प्रदेश भाजपा को दोपहर में रविवार को अटल बिहारी वाजपेयी के अस्थि कलश हरिद्वार लाए जाने की जानकारी दी। बंसल को हरिद्वार में व्यवस्थाओं का जिम्मा सौंपा गया है।
केरल में “मौत” की बाढ़
मौसमी मिजाज में लगातार बदलाव देखा जा रहा है, जो चिंता का विषय बना हुआ है। केरल इन दिनों इस मौसमी मार से जूझ रहा है। तकरीबन 12 राज्यों में सड़के जलमग्न हो चुकी हैं। कोच्चि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पूरी तरह से पानी में डूब गया है और इसे 26 अगस्त तक बंद रखने के आदेश दिये गए हैं। हजारों लोग घर की छतों पर फंसे मदद का इन्तजार कर रहे हैं। मौसम विभाग के मुताबिक हर साल केरल में देश के कुछ राज्यों की तुलना में ज़्यादा बारिश होती है, लेकिन इस बार हुई बारिश औसत से 37 फीसदी ज्यादा है। चिंता की बात ये है कि आने वाले दिनों में भी तेज बारिश का प्रकोप जारी रहने की आशंका है।
गम्भीरता को देखते हुए राज्य के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने
सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री से मदद की अपील की थी, जिसके बाद शुक्रवार रात को पीएम केरल पहुंच गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वे किया। उन्होंने राज्य को 500 करोड़ रुपए की अतिरिक्त मदद देने का ऐलान किया है। बीते नौ दिनों में भारी बारिश और बाढ़ के चलते यहां करीब 180 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि मई से अब तक मरने वालों की 324 तक पहुंच गई है। राज्य के कासरगोड को छोड़कर लगभग सभी जिलों में बाढ़ के कारण 'रेड अलर्ट' जारी किया गया है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले कुछ दिनों में केरल में मूसलाधार बारिश होने के कारण बाढ़ प्रभावित 13 जिलों में स्थिति और भी चुनौतीपूर्ण हो सकती है। अब तक विभिन्न जिलों के 3.14 लाख लोग बेघर हो चुके हैं। इन्हें 1568 राहत शिविरों में रखा गया है। एनडीआरएफ के अलावा, सेना की तीनों फोर्सेज राहत कार्यों में लगी हुई हैं। जवान छतों पर फंसे लोगों को एयरलिफ्ट कर रहे हैं, जो भूस्खलन के चलते दुनिया से कट गए हैं। हजारों लोग अभी भी ऊंची इमारतों पर बैठे हैं और बचाए जाने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। अकेले एर्नाकुलम और त्रिशूर शिविरों में 50,000 से अधिक लोग फंसे हैं। केरल राज्य के पर्यटन सेक्टर से खेती तक बाढ़ के कारण तबाह हो गया है।
राज्य के विभिन्न हिस्सों में बिजली आपूर्ति, संचार प्रणाली और पेयजल आपूर्ति बाधित है। ट्रेन सेवाओं से लेकर सड़क परिवहन तक ठप्प पड़ गया है।
अधिकारियों के अनुसार, कासरगोड़ को छोड़कर बाकी सभी जिलों में शैक्षणिक संस्थानों में छुट्टी की घोषणा कर दी गई है। कॉलेजों और महाविद्यालयों ने परीक्षाएं स्थगित कर दी हैं। विभिन्न राज्य के मुख्यमंत्री और एसबीआई ने मदद का हाथ बढ़ाया है। वहीँ, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की अपील की है। उनका कहना है कि कांग्रेस के सांसद एक महीने का वेतन केरल बाढ़ पीड़ितों को देंगे।
मुजफ्फरपुर: TISS की रिपोर्ट में क्या है?
बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका गृह सेक्स रैकेट कांड में सीबीआई ने शुक्रवार को पूर्व समाज कल्याण विभाग की मंत्री मंजू वर्मा के ठिकाने सहित इस कांड के मास्टरमाइंड बृजेश ठाकुर के हिंदी अखबार प्रातः कमल के पटना दफ्तर में भी सघन तलाशी ली। शनिवार को बृजेश ठाकुर को कोर्ट में पेश किया गया।
उधर, गुरुवार को बिहार के समाज कल्याण विभाग ने मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस (टिस) द्वारा सौंपी गई उस सामाजिक सोशल ऑडिट रिपोर्ट सार्वजनिक कर दिया, जिसके आधार पर मुजफ्फरपुर बालिका गृह में 34 लड़कियों के यौन शोषण का मामला प्रकाश में आया था। समाज कल्याण विभाग ने यह रिपोर्ट वेबसाइट पर प्रकाशित की है। 111 पन्नों की इस रिपोर्ट में बृजेश ठाकुर सहित करीब 17 शेल्टर होम में हो रहे शारीरिक-मानसिक शोषण की दास्तांन लिखते हुए इन बाल गृहों की स्थिति पर तुरंत ध्यान देने की जरूरत पर बल दिया गया है। रिपोर्ट में मुजफ्फरपुर बालिका गृह के साथ ही मोतिहारी में ‘निर्देश’ द्वारा संचालित बाल गृह, भागलपुर में ‘रूपम प्रगति समाज समिति’ द्वारा संचालित बाल गृह, मुंगेर में ‘पनाह’ द्वारा संचालित बाल गृह, गया में ‘डोर्ड’ द्वारा संचालित बाल गृह, अररिया में सरकार द्वारा संचालित बाल संप्रेक्षण गृह, पटना में ‘इकार्ड’ द्वारा संचालित अल्पावास गृह, मोतिहारी में ‘सखी’ द्वारा संचालित अल्पावास गृह का भी नाम लिया गया है। इसके अलावा मुंगेर में ‘नॉवेल्टी वेलफेयर सोसाइटी’ द्वारा संचालित अल्पावास गृह, मधेपुरा में ‘महिला चेतना विकास मंडल’ द्वारा संचालित अल्पावास गृह, कैमूर में ‘ग्राम सेवा स्वराज संस्था’ द्वारा संचालित अल्पावास गृह, मुजफ्फरपुर में ‘ओम साईं फाउंडेशन’ द्वारा संचालित सेवा कुटीर, गया में ‘मेटा बुद्धा ट्रस्ट’ द्वारा संचालित सेवा कुटीर और पटना में डानबोस्को टेक सोसाईटी द्वारा संचालित कौशल कुटीर तथा तीन अडॉप्शन एजेंसी, पटना के नारी गुंजन, मधुबनी के रवेस्क और कैमूर के ज्ञान भारती का भी जिक्र किया गया है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बिहार सरकार से कहा था कि वह राज्य में आश्रय गृहों की टिस द्वारा की गई सोशल ऑडिट रिपोर्ट सार्वजनिक करे। हालांकि, इसी रिपोर्ट में आठ जगहों के सुधार गृह को उनके अच्छे काम के लिए सराहा भी गया है।
“आप” से रूठते अपने!
आम आदमी पार्टी इस हफ्ते एक बार फिर पार्टी सदस्य द्वारा दिए गए इस्तीफे को लेकर चर्चा में रहा। देश में लोकतांत्रिक मूल्यों को ताक पर रख कर चल रही सियासत के विरोध में बनी “आप” आजकल गलत कारणों से चर्चा बटोरती दिखती है। कारण यह कि आप ने अपने आंतरिक फैसलों के लिए लोकतांत्रिक तौर-तरीकों को विकसित नहीं होने दिया और यहां भी हाई कमान की वहीँ शैली काम करती है, जहाँ सत्ता की यथेष्ट शक्ति एक केंद्र के पास सिमट कर रह गई। बीजेपी और कांग्रेस से अलग जनता की भलाई और विकास की बात करने वाली पार्टी अब राजनीति के लिए कभी उसी मंच पर खड़ी दिखती है, तो अगले पल आम चुनाव में अकेले मैदान में उतरने की बात कर राज्यसभा में अनुपस्थित रहती है। कुल मिलाकर गाहे-बेगाहे अटपटी वजहों से कभी चर्चा बटोरती है, तो कभी सदस्यों का इस्तीफा।
दिन-ब-दिन गिरता रुपया
डॉलर के मुकाबले लगातार गिरता रुपया शहरी मध्यम वर्ग की जेब ढीली कर सकता है। इससे भाजपा सरकार की भी मुश्किलें बढ़ा सकता है। इस साल डॉलर के मुकाबले रुपये में अब तक 9.3 प्रतिशत की गिरावट आई है और इससे कई आयातित सामान महंगे हुए हैं। द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक गुरुवार को एक डॉलर की कीमत 70.40 रुपये थी। भारत कच्चे तेल से लेकर कई जरूरी सामान विदेश से आयात करता है। मार्च 2019 में खत्म होने वाले वित्त वर्ष में आयात का खर्च 600 अरब डॉलर से ज्यादा होने की संभावना है, जो पिछले साल करीब 565 अरब डॉलर था। ऐसे में, इस साल रुपये की कीमत में करीब 9.3 प्रतिशत की कमी आने से विदेश से आयातित सामान महंगे हो गए हैं। इससे शहरी मध्यम वर्ग सीधे प्रभावित होगा, जो भाजपा का वोटर माना जाता है। ऐसे में, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि रुपये के गिरते मूल्य को नहीं सम्भाला गया, तो भाजपा मुश्किल में पड़ सकती है, जबकि कुछ इससे इतर राय रखते हैं।
350 से ज्यादा अखबारों में ट्रंप का विरोध
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और वहां के मीडिया के बीच तल्खी बढ़ती जा रही है। हाल में डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी मीडिया को ‘जनता का दुश्मन’ और ‘विपक्षी दल’ कह कर बुलाया था। इसके जवाब में गुरुवार को 350 से ज्यादा अमेरिकी अखबारों ने डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ संपादकीय लिखे। खबरों के मुताबिक अखबारों ने आपसी समन्वय के साथ यह कदम उठाया और ट्रंप के बयानों की निंदा की। अख़बारों ने इसे लोकतंत्र के लिए खतरा बताया है।
इमरान बने पीएम, ली शपथ
पूर्व क्रिकेटर और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (पीटीआई) के नेता इमरान खान ने शनिवार को पाकिस्तान के 22वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। इमरान खान के शपथ ग्रहण के मौके पर भारत से सिद्धू भी मौजूद थे। इसके अलावा इमरान की पत्नी बुशेरा मनेका, पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा भी उपस्थित रहे।
अंततः गुलजार साहब की पंक्तियां
शहद जीने का मिला करता है थोड़ा थोड़ा,
जाने वालों के लिये दिल नहीं थोड़ा करते।
लग के साहिल से जो बहता है उसे बहने दो,
ऐसी दरिया का कभी रुख नहीं मोड़ा करते।
■ सोनी सिंह
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