काशी के अस्सी घाट पर अटलजी को दी गई श्रद्धांजलि - Kashi Patrika

काशी के अस्सी घाट पर अटलजी को दी गई श्रद्धांजलि


“मैं जी भर जिया, मैं मन से मरूं, लौटकर आऊंगा, कूच से क्यों डरूं...” अटलजी की ये पंक्तियां उनके जीवन पर सटीक बैठती हैं, क्योंकि भारतीय राजनीति और देश के विकास में उनका अमूल्य योगदान हमेशा हमारे बीच रहेगा। पूर्व प्रधानमंत्री और भारतीय राजनीति के अजातशत्रु अटल बिहारी वाजपेयी के निधन के साथ ही एक राजनैतिक एवं  साहित्यिक युग का अंत हो गया। देशभर में शोक व्याप्त है। काशीवासियों ने भी अपने प्रिय नेता को श्रद्धासुमन अर्पित किया। अस्सी घाट पर गुरुवार रात्रि 8.30 बजे रोटरी परिवार एवं काशी विकास समिति की ओर से एक शोकसभा का आयोजन किया गया। सभा में अटलजी को सदस्यों ने भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि देशवासियों ने प्रिय नेता के साथ ही एक कवि खो दिया। इस क्षति की पूर्ति संभव नहीं है। वे सदैव हमारे हृदय में जीवित रहेंगे। सभा में संदीप पंड्या, पुर्षोत्तम पंड्या, कृष्णा सिंह, चद्रशेखर कपूर, डॉ. अजित सहगल, मनीष खत्री, आदेश भट्ट, स्वतंत्र कुमार आदि उपस्थित रहें। सभा में संगीत धुन मनीष शर्मा ने दिया।

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