कच्चे बखिये की तरह रिश्ते उधड़ जाते हैं... - Kashi Patrika

कच्चे बखिये की तरह रिश्ते उधड़ जाते हैं...


कच्चे बखिये की तरह रिश्ते उधड़ जाते हैं,
लोग मिलते हैं मगर मिल के बिछड़ जाते हैं।

यूँ हुआ दूरियाँ कम करने लगे थे दोनों, 
रोज चलने से तो रस्ते भी उखड़ जाते हैं।

छाँव में रख के ही पूजा करो ये मोम के बुत,
धूप में अच्छे भले नक्श बिगड़ जाते हैं। 

भीड़ से कट के न बैठा करो तन्हाई में, 
बे-खयाली में कई शहर उजड़ जाते हैं। 
■ निदा फाजली

No comments:

Post a Comment