बीजेपी मुख्यालय पहुंचा पार्थिव शरीर, अपने प्रिय नेता को श्रद्धासुमन अर्पित करने वालों की उमड़ी भीड़।
भारत रत्न और तीन बार देश के प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी वाजपेयी का गुरुवार शाम निधन हो गया। शुक्रवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। वाजपेयी के तिरंगे में लिपटे पार्थिव शरीर को यहां आम जनता के दशनार्थ के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) मुख्यालय लाया गया, जहां उनके दर्शन को हजारों की संख्या में लोग जमा हुए। अटलजी की अंतिम यात्रा दोपहर करीब 1 बजे शुरु होगी। यह अंतिम यात्रा पंडित दीन दयाल उपाध्याय मार्ग, बहादुर शाह जफर मार्ग, दिल्ली गेट, नेताजी सुभाष मार्ग और शांति वन होते हुए राष्ट्रीय स्मृति समाधि स्थल पर पहुंचेगी, जहां उनका पार्थिव शरीर शाम करीब 4 बजे पंचतत्व में विलीन हो जाएगा। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अंतिम यात्रा के मद्देनजर नागरिकों को सलाह दी जा रही है कि वह वैकल्पिक रास्तों का इस्तेमाल करें। इतना ही नहीं ट्रैफिक पुलिस ने लोगों को यह सलाह भी दी है कि वह आज निजी
वाहनों का इस्तेमाल कम करें और यदि संभव हो तो सार्वजनिक वाहनों जैसे डीटीसी बसों या दिल्ली मैट्रो में सफर तय करें।
इससे पहले उनके अंतिम दर्शन को शुक्रवार सुबह कृष्ण मेनन मार्ग स्थित उनके आवास आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पहुंचे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत कई नेता गुरुवार शाम से अब तक श्रद्धांजलि देने पहुंचे। अटलजी की पार्थिव देह को भाजपा मुख्यालय ले जाया जाएगा। दोपहर 1 बजे वहां से अंतिम यात्रा शुरू होगी, जो राजघाट स्थित राष्ट्रीय स्मृति स्थल तक जाएगी।
उनके निधन पर 7 दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गई। शुक्रवार को देश के 12 राज्यों ने राजकीय शोक और अवकाश की घोषणा की। इनमें दिल्ली, उत्तरप्रदेश, गुजरात, मध्यप्रदेश, ओडिशा, पंजाब, बिहार, झारखंड, हरियाणा, तेलंगाना, तमिलनाडु और कर्नाटक राज्य शामिल हैं। इन राज्यों में सरकारी कार्यालय, स्कूलों और कॉलेजों में अवकाश रखा गया है। दिल्ली में व्यापारियों ने भी सभी बाजार बंद रखने का फैसला किया है।
राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर ही बनेगा स्मारक
यमुना किनारे राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर डेढ़ एकड़ जमीन पर अटल बिहारी वाजपेयी का समाधि स्थल बनाया जाएगा। यूपीए सरकार ने नदी के किनारे समाधि स्थल बनाने पर रोक लगा दी थी, लेकिन मोदी सरकार ने इस फैसले को पलटते हुए वहां समाधि स्थल बनाने का फैसला लिया है। इस संबंध में मोदी सरकार जल्द अध्यादेश ला सकती है।
अमेरिका, चीन, पाकिस्तान, ब्रिटेन और बांग्लादेश ने जताया दुख
पाकिस्तान तहरीक-इंसाफ के नेता और प्रधानमंत्री बनने जा रहे इमरान खान ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी राजनीति के एक बड़े व्यक्तित्व थे। भारत-पाक संबंधों में सुधार के लिए उनके प्रयासों को हमेशा याद किया जाएगा। चीन के राजदूत लुयो झाओहुई ने ट्वीट किया- "अटल बिहारी वाजपेयी के निधन से गहरा दुख पहुंचा है।" भारत स्थित अमेरिकी दूतावास ने कहा, "पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने शासनकाल में अमेरिका के साथ मजबूत रिश्तों पर जोर दिया।" ब्रिटेन और जापान के राजदूत ने कहा कि वे वैश्विक नेताओं में से एक थे। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा कि बांग्लादेश के लोगों में भी अटल बिहारी वाजपेयी काफी लोकप्रिय थे।
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