जाने 'सावन' के मुख्य त्यौहार - Kashi Patrika

जाने 'सावन' के मुख्य त्यौहार

'सात बार नौ त्यौहार' के शहर बनारस की बात ही कुछ निराली हैं। महीना सावन का हो तो रिमझिम फुहारों के बीच इस शहर के उत्सव दोगुने उत्साह के साथ मनाए जाते हैं। हर वर्ष सावन के मौसम में यहां के मंदिरों में विशेष जलविहार झांकिया सजाई जाती हैं। इन झांकियों को सजाने और दर्शन की प्रथा सैकड़ों वर्ष पुरानी है, जो आज भी निर्बाध रूप से गतिमान है। भावविभोर भक्त गण इन झांकियों का आनंद लेते हैं और देर रात तक मंदिरों में कीर्तन और भजन का कार्यक्रम चलता रहता हैं।

सावन में पड़ने वाले मुख्य त्यौहार

सोमवार व्रत : सावन का हर सोमवार पवित्र माना गया हैं और इस दिन किए व्रत का फल भी दोगुना होता हैं। कुंवारी कन्याएँ इस दिन महादेव शिव का व्रत रख मनचाहे वर की प्राप्ति करती हैं। माना जाता हैं कि सती के अग्नि कुंड में समाहित होने के बाद माता पार्वती ने सावन के महीने में ही भगवान् शिव की आराधना की थी और पति के रूप में भोले नाथ को प्राप्त किया।

हरियाली तीज : इस बार सावन के महीने में हरियाली तीज 13 अगस्‍त को मनाई जाएगी। यह  श्रावण
मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता हैं। यह व्रत सुहागन स्त्रियों के लिए बेहद मायने रखता है, जिसमें पत्नी अपने पति के लिए लंबी आयु की कामना करते हुए व्रत रखती है। इस खुशी के मौके पर सभी महिलाएं झूला झूलती हैं, लोकगीत गाती हैं तथा खुशियां मनाती हैं। इस दिन सुहागिनों के मायके से श्रृंगार का सामान तथा मिठाइयां आती हैं। इस दिन महिलाएं प्रातः काम-काज से मुक्‍त हो कर स्नान आदि के बाद सोलह श्रृंगार कर निर्जला व्रत रखती हैं। इसके बाद वे शिव जी और मां पार्वती की पूजा करती हैं और अपने पति संग मिल कर भोलेनाथ का रुद्राभिषेक करती हैं। पूजा के बाद में तीज की कथा सुनी जाती है, जिसके बाद महिलाएं मां पार्वती से पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं।

नागपंचमी : श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी के रूप में मनाया जाता है। हिन्दू धर्म में नाग पंचमी का खास महत्व है और इस दिन देश के कई राज्यों में सर्प पूजन होती है। इस दिन 12 सर्प स्वरूपों
की पूजा की जाती है और दूध चढ़ाया जाता है। ऐसा मानना जाता है कि नागराज को प्रसन्न करने से भोलेनाथ भगवान शंकर भी प्रसन्न हो जाते हैं और अपनी कृपा बरसाते हैं। इस साल नागपंचमी का त्योहार 15 अगस्त को मनाया जाएगा। नागपंचमी के अवसर पर रुद्राभिषेक का भी खास महत्व है। ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान शंकर का आशीर्वाद प्राप्त होता है और नाग देवता पृथ्वी को संतुलित करते हुए मानव जीवन की रक्षा करते हैं। इस दिन को गरुड़ पंचमी के नाम से भी जानते हैं। नाग देवता के साथ पंचमी के दिन गरुड़ की पूजा भी जाती है और सर्पों से रक्षा की प्रार्थना की जाती है।

रक्षाबंधन
रक्षाबंधन का शुभ पर्व हर भाई और बहन के लिए बेहद खास होता है। इस साल यह पर्व 26 अगस्त 2018 दिन रविवार को मनाया जाएगा। इस दिन हर बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है और उससे सुरक्षा का वचन लेती है।  रक्षाबंधन में राखी बांधने का शुभ मुहूर्त- प्रातः 05.59 से सायंकाल 17.25 तक है।


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