आज भी “किशोर” - Kashi Patrika

आज भी “किशोर”

जन्मदिन विशेष : बदलते दौर के साथ कई गायक आए-गए, मशहूर भी हुए, लेकिन किशोर दा की जादुई आवाज के आसपास आज भी कोई नहीं ठहरता, तभी तो यंग इंडिया भी उनकी मखमली आवाज की दीवानी है।4अगस्त को फ़िल्मी दुनिया के मशहूर पार्श्व गायक, अभिनेता, निर्माता, निर्देशक 'किशोर कुमार' का जन्मदिन है। आज भी उनके चाहने वाले उन्हें बड़ी शिद्दत से याद करते हैं और उनके गानों को गुनगुना कर उनकी सुरीली आवाज में मदहोश हो जाते हैं... 


कौन रहना चाहता है इस झूठे शहर में ?
लगभग चार दशकों तक अपने गानों से फ़िल्मी पर्दे पर दर्शकों को मंत्रमुग्ध करने वाले किशोर कुमार का जन्म
मध्यप्रदेश के खंडवा में 4 अगस्त 1929 को एक चर्चित परिवार में हुआ। इंदौर में अपनी स्नातक की पढाई करने
के बाद किशोर कुमार मुंबई अपने बड़े भाई अशोक कुमार के साथ रहने चले आए। उन्होंने 1948 में फ़िल्म 'ज़िद्दी' के लिए अपना पहला गाना गाया। किशोर कुमार अक्सर कहा करते थे कि कौन मुंबई की इस झूठी दुनियां में रहना चाहता हैं वो अपने पैतृक नगर खंडवा लौट जाना चाहते थे।

संगीत की शिक्षा नहीं ली
किशोर कुमार ने संगीत की कोई औपचारिक शिक्षा नही ली थी इसलिए संगीतकार उनको गाने में लेने के लिए
कतराते थे फिर भी एक बार संगीतकार सलील चौधरी ने उनकी आवाज सुनकर उनको गाने के कई मौके दिए थे। इसके बाद किशोर कुमार ने न्यू दिल्ली , आशा , चलती का नाम गाडी , हाफ टिकट , गंगा की लहरें और पड़ोसन जैसी फिल्मो में हास्य अभिनेता का काम किया। चलती का नाम गाडी उनकी अभिनय के तौर पर एक सफल फिल्म रही जिसमे कार मेकेनिक के रूप में उनके और मधुबाला के बीच रोमांस को दिखाया गया है। इस फिल्म में उनका गाना “एक लडकी भीगी भागी सी ” बहुत लोकप्रिय हुआ था।

झुमरू में पहली बार निर्देशन किया
1961 में फिल्म झुमरू में उन्हों निर्माता और निर्देशन का काम भी किया। इसके बाद उन्होंने कई गाने गाये लेकिन उस समय तक उनका ज्यादा नाम नही था। 1969 में उन्होंने आराधना फिल्म में “मेरे सपनो की रानी ” गाना गाया जिसने उनको एक स्टार बना दिया और इसी
फिल्म के गाने “रूप तेरा मस्ताना ” के लिए उनको पहला फिल्मफेर अवार्ड भी मिला। 1970 और 1980 का दशक उनके लिए स्वर्णिम दशक रहा था जिसमे उन्होंने मशहूर अभिनेताओ राजेश खन्ना , अमिताभ बच्चन , धर्मेन्द्र ,जीतेंद्र ,संजीव कुमार ,देवानंद ,संजय दत्त ,अनिल कपूर ,दिलीप कुमार ,प्राण ,रजनीकान्त ,गोविंदा और जेकी श्राफ के साथ काम किया। किशोर कुमार ने मो.रफी , मुकेश , लता मंगेशकर , आशा भोंसले जैसे दिग्गज गायकों के साथ काम किया। 13 अक्टूबर 1987 को किशोर कुमार की मुत्यु हो गयी और संयोग से उस दिन उनके बड़े भाई अशोक कुमार का जन्मदिन था।

किशोर कुमार के गाने आज भी  श्रोताओं को उसी अंदाज में गुदगुदाते और संजीदा बना देते हैं। काशी पत्रिका इस नैसर्गिक प्रतिभा को श्रद्धासुमन अर्पित करता हैं।
काशी पत्रिका 

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