राजनीतिक सुर्खियां... - Kashi Patrika

राजनीतिक सुर्खियां...

असम पर फुल “ड्रामा”

असम में एनआरसी का विरोध करने पहुंचे तृणमूल के छह सांसद और दो विधायकों को रात सिलचर एयरपोर्ट पर पुलिस हिरासत में बितानी पड़ी। सुबह इनमें से छह नेता कोलकाता रवाना हो गए, जबकि बाकी दो के दोपहर तक दिल्ली के लिए रवाना होने की उम्मीद है। पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल असम में एनआरसी का फाइनल ड्राफ्ट जारी होने के बाद हालात का जायजा लेने यहां पहुंचा था। पुलिस ने गुरुवार को इन सभी को एयरपोर्ट पर रोक लिया था। एयरपोर्ट पर तृणमूल नेताओं और पुलिस के बीच झड़प हुई। बंगाल की विधायक महुआ मोइत्रा ने एक महिला कॉन्स्टेबल की पिटाई कर दी। उसके हाथ में चोट आई। दो अन्य पुलिसकर्मी भी जख्मी हुए। असम पुलिस ने मारपीट करने वाले नेताओं को हिरासत में ले लिया। उनके खिलाफ केस भी दर्ज किया गया। उधर, तृणमूल ने इस कार्रवाई को सुपर इमरजेंसी करार दिया। तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी ने यह भी दावा किया कि उनके नेताओं को हवाई अड्डे पर पीटा गया। उन्होंने भाजपा पर देश में ‘‘सुपर इमरजेंसी’’ थोपने का आरोप लगाया। तृणमूल प्रतिनिधिमंडल के रोके जाने पर नाराज ममता बनर्जी ने अपने ट्वीट में कहा है, "आपको याद रखना चाहिए कि हमने इस साल अप्रैल में सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं के बाद भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल को वहाँ जाने दिया था, जबकि उन्होंने धारा 144 का उल्लंघन किया था। लेकिन केंद्रीय गृह मंत्री के आश्वासन के बावजूद हमारे प्रतिनिधिमंडल के साथ दुर्व्यवहार किया गया, और तो और महिला सदस्यों को भी नहीं बख़्शा गया।"
ममता बनर्जी का आरोप है कि वहाँ की पुलिस ने पार्टी सदस्यों को एक होटल में जाने को कहा है, लेकिन वे होटल में क्यों जाएँ, वे वहाँ आम लोगों से मिलने गए हैं। क्या वो पिकनिक पर गए हैं? उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि ये उनके (बीजेपी) अंत की शुरुआत है। वे हताश-परेशान हैं, इसलिए वे गुंडों की तरह व्यवहार कर रहे हैं।"

भाजपा का “अमर” प्रचार
पूर्व सपा नेता अमर सिंह ने कहा कि वह 2019 चुनाव में पीएम मोदी के समर्थन में चुनाव-प्रचार करेंगे। हालांकि, अमर सिंह ने खुद अगला लोकसभा चुनाव लड़ने की अटकलों को खारिज करते हुए ट्वीट कर कहा, ‛आजमगढ़ से मेरे चुनाव लड़ने की अटकलों का दौर जारी है। मैं फिलहाल निर्दलीय सांसद हूं और अभी मेरा चार साल का कार्यकाल बाकी है। मैं मोदी सरकार और योगी आदित्यनाथ के पक्ष में सघन प्रचार करने को प्राथमिकता दूंगा।’ इसकी वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि वह सपा प्रमुख अखिलेश और बसपा सुप्रीमो मायावती के गठजोड़ को सही नहीं मानते हैं।

इमरान ने किसी को नहीं बुलाया!

भारत में आई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में सुनील गावस्कर, कपिल देव, अभिनेता आमिर खान और नवजोत सिंह सिद्धू को आमंत्रित किया गया है। नवजोत सिंह सिद्धू ने प्रेस कॉन्फेंस करके इसकी पुष्टि भी की थी। लेकिन, तहरीके इंसाफ पाकिस्तान ने शपथ ग्रहण समारोह में किसी विदेशी फिल्म स्टार या खिलाड़ियों को आमंत्रित किये जाने से इनकार किया है। वैसे तहरीके इंसाफ पाकिस्तान ने ट्वीट करके पहले ही कह दिया था कि इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में किसी विदेशी राजनेता को न्यौता नहीं दिया गया है। ताजा प्रेस रिलीज में पार्टी के नेता फैसल जावेद ने ये भी कहा है कि शपथ ग्रहण समारोह सादा होगा, क्योंकि उनकी पार्टी टैक्सपेयर्स के पैसे का दुरुपयोग नहीं करना चाहती। इमरान ख़ान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के तौर पर 11 अगस्त को इस्लामाबाद में शपथ लेने वाले हैं।

ईवीएम पर 17 दलों को भरोसा नहीं
तृणमूल सहित 17 राजनीतिक दल इस मांग के साथ चुनाव आयोग से संपर्क करने की योजना बना रहे हैं कि 2019 का लोकसभा चुनाव मतपत्र से कराया जाए। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ये 17 विपक्षी दल इस योजना पर चर्चा करने के लिए अगले हफ्ते बैठक करेंगे।
तृणमूल नेता डेरक ओ ब्रायन ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह एक ऐसा मामला है जिस पर सभी विपक्षी दल सहमत हैं। हमारी अगले हफ्ते बैठक करने की योजना है। हमने चुनाव आयोग से संपर्क करने और यह मांग करने की योजना बनाई है कि चुनाव आयोग अगला लोकसभा चुनाव मतपत्र से कराए।’’
■ काशी पत्रिका

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