पीएम ने जिस फूल का जिक्र किया, वह क्यों है खास? - Kashi Patrika

पीएम ने जिस फूल का जिक्र किया, वह क्यों है खास?

12 साल बाद इस साल फिर खिला है नीलकुरंजी फूल, इसे देखने दक्षिण पहुंचते हैं लाखों लोग॥

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से भाषण देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक फूल का जिक्र किया, जो चर्चा का विषय बन गया। मोदी ने कहा, ''हमारे देश में 12 साल में एक बार नीलकुरंजी का पुष्प उगता है। इस वर्ष दक्षिण की नीलगिरि की पहाड़ियों पर नीलकुरंजी का पुष्प जैसे मानो तिरंगे झंडे के अशोक चक्र की तरह देश की आज़ादी के पर्व में लहलहा रहा है।"

…इसलिए नाम पड़ा नीलगिरी
तीन पर्वत श्रृंखलाओं (मुथिरपुझा, नल्लथन्नी और कुंडल) के संगम पर स्थित मुन्नार समुद्र तल से 1600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यहां हर 12 साल में नीलकुरिंजी फूल खिलता है, जो पर्यटकों को सबसे ज्यादा आकर्षित करता है। इन खूबसूरत फूलों के खिलने से पहाड़ियों का रंग नीला हो जाता है, इसी कारण यहां के पहाड़ों को ‘नीलगिरी’ नाम भी दिया गया है। जुलाई के आखिरी दिनों यह फूल खिलने लगता है और अक्टूबर तक रहता है।

एक दिन में सिर्फ 3500 पर्यटकों की एंट्री
आखिरी बार साल 2006 में मुन्नार की पहाड़ियों पर नीलकुरिंजी का फूल खिला
था। एराविकुलम नेशनल पार्क में इस पार फूलों को निहारने के लिए पर्यटकों की संख् इतनी ज्यादा हो जाती है कि ऐसे सीमित किया या है यानी अब प्रतिदिन 3500  पर्यटकों को ही यहां एंट्री मिलेगी।

2006 में आए थे 3 लाख पर्यटक
साल 2006 में जब फूल खिले थे तो दुनियाभर से 3 लाख के करीब पर्यटक इसे देखने पहुंचे थे। केरल पर्यटन विभाग के अधिकारियों का अनुमान है कि 2018 में यह तकरीबन 8 लाख पर्यटक यहाँ आ सकते हैं। फूल असल में 12 साल में एक बार खिलता है और उस साल पर्यटकों की भीड़ रहती है। इस फूल के साल 1838, 1850, 1862, 1874, 1886, 1898, 1910, 1992, 1934, 1946, 1958, 1970, 1982, 1994, 2006 और 2018 में खिलने की जानकारी है।
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