आरके स्टूडियो एक बार फिर खबरों में है। और शायद अब इस जमी पर कोई मॉल, बिल्डिंग खड़ा कर दिया जाए, जिसके तले ‛आरके’ की यादें भी दफ्न होकर रह जाएं! खैर, जिक्र उठा है, तो यहां की मशहूर होली की चर्चा भी जेहन में ताजा हो आई है...
एक जमाना था जब बॉलीवुड में होली का मतलब, राज कपूर के आरके स्टूडियो की होली होता था। 60 के दशक में राज कपूर ने इसकी शुरुआत की थी। होली के दिन आरके स्टूडियो में मेहमानों का स्वागत उन पर रंग भरी बाल्टी उड़ेलकर किया जाता था और फिर उन्हें रंग-भरे पूल में डुबकी लगानी पड़ती थी। अगर कोई ना-नुकुर करता, तो उसे जबरन पूल में फेंक दिया जाता था। हालांकि, महिलाओं की गरिमा का विशेष ध्यान रखा जाता था ताकि उनके साथ किसी तरह का दुर्व्यवहार ना हो। इसके बाद शुरू होता था संगीत का दौर। ढोल, मंजीरों और हारमोनियम के साथ गीत-संगीत का कार्यक्रम होता था।
निमंत्रण गर्व की बात
उस जमाने में जिस भी छोटे-बड़े कलाकार को राज कपूर के यहां होली खेलने का न्योता मिलता था वह बहुत गर्व महसूस किया करता था। क्योंकि इससे इंडस्ट्री में उसकी हैसियत का अंदाजा होता था। यहां होने वाली पार्टियों को लोग आज भी याद करते हैं।
होली में शामिल होती थीं राजकपूर की नायिकाएं
आरके स्टूडियो की ऐतिहासिक होली में नरगिस, वैजयंती माला, हेमा मालिनी, राखी, रेखा, श्रीदेवी, जीनत अमान यानी राज कपूर की फिल्मों की नायिकाएं शुमार होती थीं। साथ ही धर्मेन्द्र, दिलीप कुमार, मनोज कुमार, राजेंद्र कुमार, जितेंद्र, दारा सिंह, राकेश रोशन, प्राण, प्रेमनाथ, मिथुन, राजेश खन्ना, अमिताभ, अनिल कपूर , शत्रुघ्न सिन्हा जैसे कलाकार शिरकत किया करते थे। बता दें कि शंकर जयकिशन साज बजाते थे, तो राज कपूर खुद ही कोर्डियन लेकर बजाने लगते थे। वैजयंती माला सहित अन्य अभिनेत्रियां डांस करती थी।
कभी शामिल नहीं हुए देव आनंद
आरके स्टूडियो की प्रसिद्ध होली में उस समय के सुपर स्टार देव आनंद कभी शामिल नहीं हुए। कहा जाता है कि उन्हें रंगों से एलर्जी थी।
किन्नर पास करते थे फिल्मों के गीत
हर होली को कुछ किन्नर राजकपूर से होली की त्यौहारी मांगने आते। खूब नाच गाना होता और राजकपूर अपनी नई फिल्म का गाना सबसे पहले उन्हीं को सुनाते। कहते हैं ' राम तेरी गंगा मैली का गाना ' सुन साहिबा सुन ' होली के मौके पर किन्नरों ने ही पास किया था। राज कपूर की बीमारी और निधन के साथ इस होली का रंग फीका पड़ता गया और बाद में आरके की मशहूर होली बंद हो गई।
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एक जमाना था जब बॉलीवुड में होली का मतलब, राज कपूर के आरके स्टूडियो की होली होता था। 60 के दशक में राज कपूर ने इसकी शुरुआत की थी। होली के दिन आरके स्टूडियो में मेहमानों का स्वागत उन पर रंग भरी बाल्टी उड़ेलकर किया जाता था और फिर उन्हें रंग-भरे पूल में डुबकी लगानी पड़ती थी। अगर कोई ना-नुकुर करता, तो उसे जबरन पूल में फेंक दिया जाता था। हालांकि, महिलाओं की गरिमा का विशेष ध्यान रखा जाता था ताकि उनके साथ किसी तरह का दुर्व्यवहार ना हो। इसके बाद शुरू होता था संगीत का दौर। ढोल, मंजीरों और हारमोनियम के साथ गीत-संगीत का कार्यक्रम होता था।
निमंत्रण गर्व की बात
उस जमाने में जिस भी छोटे-बड़े कलाकार को राज कपूर के यहां होली खेलने का न्योता मिलता था वह बहुत गर्व महसूस किया करता था। क्योंकि इससे इंडस्ट्री में उसकी हैसियत का अंदाजा होता था। यहां होने वाली पार्टियों को लोग आज भी याद करते हैं।
होली में शामिल होती थीं राजकपूर की नायिकाएं
आरके स्टूडियो की ऐतिहासिक होली में नरगिस, वैजयंती माला, हेमा मालिनी, राखी, रेखा, श्रीदेवी, जीनत अमान यानी राज कपूर की फिल्मों की नायिकाएं शुमार होती थीं। साथ ही धर्मेन्द्र, दिलीप कुमार, मनोज कुमार, राजेंद्र कुमार, जितेंद्र, दारा सिंह, राकेश रोशन, प्राण, प्रेमनाथ, मिथुन, राजेश खन्ना, अमिताभ, अनिल कपूर , शत्रुघ्न सिन्हा जैसे कलाकार शिरकत किया करते थे। बता दें कि शंकर जयकिशन साज बजाते थे, तो राज कपूर खुद ही कोर्डियन लेकर बजाने लगते थे। वैजयंती माला सहित अन्य अभिनेत्रियां डांस करती थी।
कभी शामिल नहीं हुए देव आनंद
आरके स्टूडियो की प्रसिद्ध होली में उस समय के सुपर स्टार देव आनंद कभी शामिल नहीं हुए। कहा जाता है कि उन्हें रंगों से एलर्जी थी।
किन्नर पास करते थे फिल्मों के गीत
हर होली को कुछ किन्नर राजकपूर से होली की त्यौहारी मांगने आते। खूब नाच गाना होता और राजकपूर अपनी नई फिल्म का गाना सबसे पहले उन्हीं को सुनाते। कहते हैं ' राम तेरी गंगा मैली का गाना ' सुन साहिबा सुन ' होली के मौके पर किन्नरों ने ही पास किया था। राज कपूर की बीमारी और निधन के साथ इस होली का रंग फीका पड़ता गया और बाद में आरके की मशहूर होली बंद हो गई।
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