बाबा सुतनखु का खत - Kashi Patrika

बाबा सुतनखु का खत

गपशप 


का हो लोगन कइसन हउअ जा बाल-बच्चा सब मस्ती में और सुनावल जाए। आज रविवार ह और सबसे ज्यादा काम रहा ला। सप्ताह भर का कुल टोटका अबहिए आ जा ला। खैर ई सब रहे द इ सब त लागल रहइ। 

आज दिन भर के चकर-मकर के बाद  शाम के जे नींद आयल अबही जगली से गपशप में देर हो गयल। खैर इहो जाए द  और मुद्दा पे आयल जाए। 

आज पृथ्वी दिवस ह और हम काल्हि कहत रहली कि कैसे माई के हमन साफ करत रहली। बच्चा लोगन ई जान ल की धरती माता के आलावा कहु हमलोगां का जोगाड़ नहीं बा से रहल जाए। ता माई का हामान जितना ख्याल रख सक्ली जा रखली अब तोहि लोगन भरोसे माई के छोड़ के जायल जाइ ता तैयारी करवाए का जिम्मेदारी भी हमनी पे बाटे। 

ता आज से रोज पुरान तरीका और नया का समागम करा के हम सलाह देब और तू लोगन आपन बात भी रखल जा एकरे जे निचोड़ निकली वही से हमनी माई लोगन का ख्याल राखल जाइ। हमन पहले खर पतवार तक का इस्तेमाल करत रहली और कुछो बेकार नहीं करत रहली तोहू लोगन जा कुछ हद तक करल जाए।  कूड़ा जीतन कम से कम हो सके करा। खाय पिए का बचल सामान गाए-गोरु  के खिलावल करा जा। और केमिकल से बनल चीजन का जितना कम से कम इस्तेमाल हो सके करल जा एही में भलाई बाटे आगे तू लोगन बतावल जा। 

बाकि मिले पे। 

- बाबा सुतनखु 

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