बाबा सुतनखु का खत - Kashi Patrika

बाबा सुतनखु का खत

गपशप 


का हो लोगन कइसन हउअ जा बाल बच्चा सब मस्ती में और सुनावल जाए। आज के दिन बड़ा शुभ बाटे आज अक्षय तृतीया है कहल जा ला; आजे के दिन माँ तुलसी का भी आराधना करल जा ला और आजे विश्व धरोहर दिवस भी बाटे। इतना सबकुछ एक साथै आवत ह और का चाहि। हमनी के याद ह आज के दिन हमनी जब कालेज में पढ़त रहली जा तब बड़ा गर्व का दिन होत रहल आज हमनी जाने आपन धरोहर के संरक्षण का प्रण लेत रहली जा। पता नाही युवा पीढ़ी एकरे बारे में सोचत भी ह कि नहीं हमनी के पास त जे है सब उन्ही लोगन के देखे के बा। 

ठीक ठीक याद करल जाए त अबहिं ले हमनी खाने जे भी रहल ओ के धीरे धीरे युवा पीढ़ी के देवल जात हई । आपन भाषा, आपन समाज, रीती-रिवाज, धरोहर सब कुछ सहेजे का दायित्व जेकरे कन्धा पर जाए वाला है ऊ कन्धा भी मजबूत कइली जा। अब आगे जे हो सकी और जे शरीर जबाब देइ उहो करल जाइ भगवन चहिअन ता इ नया पीढ़ी ए के सहेजी भी और आगे भी बढ़ाई। 

 बाकि मिले पे। 

- बाबा सुतनखु

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