बाबा सुतनखु का खत - Kashi Patrika

बाबा सुतनखु का खत

गपशप 


कइसन हौआ जा लोगन बाल-बच्चा सब मस्ती में और सुनावल जाए। आज शुक्र हा कि शुक्रवार ह और हमें खरपत्तूआ के साथ घूमे जाए के ह। खरपत्तूआ आज मानी नाही और तनिको चलाई ता २ मील कहु कुछो कम नाही। 

घुमले से याद आयल हमनी के प्रधानमंत्री भी घूमे गईल हउअन की का कौन जाने। एहर एक मिला चिचिआवत ह कि उ घूमे जा लन त एक मिला कही काम से जा लन हम ता इ सब जन्ली नहीं बचवालोगां कि उनके कौन का कही जहा हमनी के उम्र में हमार हाल ई है कि तू लोगन के खत लिखत है उहा उ विदेश जात हउअन। हमार मनवा ता कहब सब का आपन-आपन काम है सब ओहि में लागल ह। 

ता मुद्दा पे आई की आज का ज्ञान है अपने से बड़े लोगन का आदर करल जाए हमनी ता उम्र भर उन्ही के कहले चल्ली जा और आज भी चलत है जा आहा लोगन का आहा जानि। आज के बचवा लोगन हमनी से ज्यादा समझदार हउअन जा और आपन फैसला भी ले लन अगर हमार मनबा जा ता मंजिल पे पहुंचे का कौनो मजा नाही ह जबले संगे साथै वाले उहा तोहरे ख़ुशी में शामिल नहीं हउअन। 

जाए द वैसहु आज खरपत्तूआ का दिन है कोई दिना ओहि से लिखवा देब और उ समझदार भी ह ओके दुनिया का दाव-पेच बढ़िया से आबा ला। 

बाकि मिले पे। 

- बाबा सुतनखु  

*आज और कल मिला के आज का पोस्ट है। 




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