तेरे इश्क में हमने दिल को जलाया... - Kashi Patrika

तेरे इश्क में हमने दिल को जलाया...

बद्रीनारायण उपाध्याय 'प्रेमघन' 


तेरे इश्क में हमने दिल को जलाया,
कसम सर की तेरे, मजा कुछ न आया।

नजर खार की शक्ल आते हैं सब गुल,
इन आँखों में जब से तू आकर समाया?

असर हो न क्यों दिल में दिल से जो चाहे,
मसल सच है, जो उसको ढूँढ़ा वो पाया।

चमन में है बरसात की आमद-आमद,
अहा आसमाँ पर सियह अब्र छाया।

मचाया है मोरों ने क्या शोरे-मैहशर,
पपीहों ने क्या पुर-गजब रट लगाया।

तुझे शैख जिसने बनाया है मोमिन,
हमें भी है हिन्दू उसी ने बनाया।

परीशाँ हो क्यों अब्रे-बेखुद भला तुम,
कहो किस सितमगर से है दिल लगाया।।


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