10 वां ब्रिक्स सम्मलेन: ट्रेड वार पर चिंतन और तकनीकी पर बल - Kashi Patrika

10 वां ब्रिक्स सम्मलेन: ट्रेड वार पर चिंतन और तकनीकी पर बल


शुक्रवार को दक्षिण अफ्रीका के जोहांसबर्ग शहर में संपन्न दसवां ब्रिक्स सम्मलेन कई मायने में महत्वपूर्ण हैं। एक ओर जहाँ इसने विश्व में बढ़ते ट्रेड वार के बीच सदस्य देशों की भागीदारी सुनिश्चित की है। वहीँ, बड़े पैमानें पर विश्व में हो रहे बदलावों में तकनीकी के इस्तेमाल को बल दिया हैं। सम्मलेन का मुख्य मुद्दा चौथे ओद्योगिक विकास में सदस्य देशों की भागीदारी सुनिश्चित करना था।

2008 में होकाईडो शहर जापान से शुरू हुआ यह सामूहिक मंच हर वर्ष तत्कालीन मुद्दों के साथ एक बैठक करता है। साथ ही सदस्य देश आपस में भी द्विपक्षीय मुद्दों के साथ बैठक करते हैं। विश्व की 40 % जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करने वाले इस संगठन में ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं।

इस वर्ष की बैठक विश्व में छिड़े ट्रेड वार के बीच संपन्न हुई हैं तो इस बार का मुख्य मुद्दा भी चौथा ओद्योगिक विकास था, जिसमें पिछड़े देशों की भागीदारी पर भी विचार किया गया। चीन ने दक्षिण अफ्रीका में 14.7 बिलियन डॉलर का निवेश करते हुए कहा कि नए वैश्विक परिदृश्य में सामूहिक भागीदारी के माध्यम से ही विश्व का समुचित विकास हो सकता हैं। चीन ने सदस्य देशों का ध्यान इस ओर भी आकर्षित किया कि अमरीका ट्रेड वार में एशिया से आयातित वस्तुओं पर भारी कर लगा कर व्यापार को असंतुलित करने का प्रयास कर रहा है, जो विश्व व्यापार संगठन के नियमों के खिलाफ है।

सदस्य देशों ने इस पर भी ब्यान दिया कि UN, UNSC, और WTO में बदलाव की आवश्यकता है, जिससे विकासशील देशों की भागीदारी इन संगठनों में सही मायने में सुनिश्चित हो। प्रधानमंत्री मोदी ने तकनीकी विकास पर बल दिया। नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में कौशल विकास पर बल दिया, जो चौथे ओद्योगिक विकास की दिशा सुनिश्चित करने वाला है।नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में सुरक्षा का मुद्दा भी उठाया। सम्मलेन में यह भी दिक्हहअ कि फिलहाल भारत और चीन आपसी रिश्तों को मजबूत करने के लिए वार्ताओं का सिलसिला आगे भी जारी रखेंगे।
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