एनडीए की ताकतवर सहयोगी रही चंद्रबाबू नायडू की तेलगुदेशम पार्टी मानसून सत्र में फिर से नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ संसद में अविश्वास प्रस्ताव लाएगी. मालूम हो कि 18 जुलाई से संसद का मानसून सत्र शुरू हो रहा है और मौजूदा लोकसभा के मात्र तीन सत्र शेष रह जाने के कारण स्पीकर सुमित्रा महाजन ने पत्र लिख कर सभी सांसदों से सहयोग और शांति की अपील की है.
तेलगुदेशम पार्टी आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग के मुद्दे पर भाजपा से उभरे मतभेद के बाद केंद्र सरकार व एनडीए से बाहर हो गयी. टीडीपी ने इस दौरान केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर राज्य के हितों की उपेक्षा का आरोप लगाया था. 2014 में एकीकृत आंध्रप्रदेश के विभाजन के बाद तेलंगाना व आंध्रप्रदेश राज्य का गठन हुआ था. आंध्रप्रदेश का आरोप रहा है कि ज्यादातर संसाधन तेलंगाना के हिस्से चले गये, इसलिए राज्य के हित में उसे विशेष दर्जा दिया जाये, ताकि केंद्र से मिले अतिरिक्त फंड से राज्य का विकास हो सके.
उल्लेखनीय है कि संसद के बजट सत्र में भी तेलगुदेशम पार्टी ने केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का प्रयास किया था. नायडू मार्च में एनडीए से अलग हो गये थे. बजट सत्र में दोनों दलों के अलगाव का असर विशेष राज्य के दर्ज की मांग को लेकर हंगामे के रूप में भी दिखा.
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