आज वर्ष का आखिरी सूर्य ग्रहण है, हालांकि यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए इस ग्रहण का कोई खास असर नहीं पड़ेगा। किंतु, आज शनि अमावस्या होने से यह ग्रहण को विशेष बना रही है।
शनिश्चरी अमावस्या और ग्रहण: दुर्लभ संयोग
11 अगस्त को शनिवार के दिन अमावस्या होने से यह शनिश्चरी अमावस्या पड़ रही है। इस दिन सूर्य ग्रहण होना इसे विशेष बना रहा है। यह शनि और पितृ दोषों से मुक्ति के लिए अच्छा समय है। शनि अमावस्या होने के कारण इस दिन शनिदेव की पूजा और मंत्रों का जाप करना भी अच्छा रहेगा। शनिश्चरी अमावस्या के दिन शास्त्रों में बताए गए उपायों को करने से शनि की साढ़ेसाती आदि के प्रभाव कम होते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन शनि के बीज मंत्र ‘ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:’ या सामान्य मंत्र ‘ॐ शं शनैश्चराय नम:’ का जप करने से शनि और पितृ दोषों से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा इस दिन सरसों के तेल दान करना चाहिए।
तीन राशियों के लिए अशुभ
सूर्यग्रहण कर्क राशि में होने जा रहा है, जो 4 राशियों मेष, मकर, तुला और कुंभ राशि के लिए शुभ फलदायी रहने वाला है। कर्क राशि में ग्रहण होने से कर्क के अलावा, मिथुन और सिंह राशि के जातकों के लिए ग्रहण शुभ नहीं है, कष्ट हो सकता है। सेहत का ध्यान रखना चाहिए और धन खर्च को लेकर विशेष ध्यान देना चाहिए।
ग्रहण का समय
भारतीय समय के अनुसार, यह खंडग्रास सूर्य ग्रहण 11 अगस्त शनिवार को दोपहर 1 बजकर 32 मिनट पर शुरू होकर शाम 5 बजकर 1 मिनट पर समाप्त होगा। हालांकि, सूतक काल शुक्रवार रात से ही प्रारंभ हो गया।
कहां-कहां दिखाई देगा सूर्य ग्रहण
नोर्थ अमेरिका, नोर्थ कनाडा, नोर्थ ईस्टर्न यूएस, ग्रीनलैंड, साइबेरिया और सेंट्रल एशिया और ग्रीनलैंड के कुछ भागों में वैसे भारत में सूर्यग्रहण नहीं दिखने के कारण परेशान होने की जरूरत नहीं है। बस पूजा-पाठ से जुड़े नियमों का ध्यान रखें।
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