विश्व का कोई ऐसा देश नहीं होगा, जिसमें चर्चित चेहरे नहीं होंगे। अब चेहरे चर्चित हैं, तो उनके चाहने वाले भी हजारों की तादात में होंगे। मगर भारत के चर्चित चेहरे बड़े अनलकी होते हैं, कभी तो देश उन्हें आसमान पर बिठाता हैं पर समय चूका नहीं कि अर्श पर बैठा व्यक्ति फर्श धराम आ जाता है। क्यों न आज हम, करोड़ों की आबादी से निकल कर इन्हीं चर्चित चेहरों के अर्श से फर्श पर आने का किस्सा गुने...
विजय माल्या - द किंग ऑफ गुड टाइम्स यानि अच्छे दिनों का राजा
व्यापार की दुनिया में इस शख्स का नाम भारत में बड़े अदब से लिया जाता था। कौन जानता था कि एक दिन ऐसा भी आएगा की बंदा देश छोड़ के विदेश में जा बसेगा। विजय विट्टल माल्या का जन्म कोलकाता में 18
दिसंबर 1955 को हुआ था। पिता विट्टल माल्या एक व्यापारी थे, जिन्होंने यूबी ग्रुप की नींव रखी थी और पिता की मृत्यु के बाद 1983 में कारोबार का भार विजय माल्या के कंधों पर आ गया। 1986 में इनकी मुलाकात एयर इंडिया की एयर होस्टेस, समीरा त्याबजी से हुई। इसके बाद उन दोनों ने शादी कर ली और 7 मई 1987 को दोनों के पुत्र सिद्धार्थ माल्या का जन्म हुआ। इसके कुछ ही समय बाद दोनों का तलाक हो गया, लेकिन माल्या ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि उनका और उनकी पत्नी का रिश्ता काफी अच्छा था। जून 1993 में माल्या ने रेखा के साथ दूसरी शादी कर ली। वे दोनों एक दूसरे को बचपन से जानते थे और इन दोनों के दो बच्चे भी हुए, जिनका नाम लेयन्ना और तान्या है। कंपनी को ऊंचाईयों पर ले जाते एक समय विजय माल्या भारत के सबसे अमीर लोगों में शुमार हो गए। बंदे ने कोई ऐसा क्षेत्र नहीं छोड़ा, जिसमें अपनी उपस्थिति न दर्ज करवाई हो। फॉर्मूला 1, फुटबॉल, क्रिकेट, घुड़दौड़ में बंदा कभी प्रायोजक के रूप में शामिल हुआ, तो कभी बंदे ने खुद ही इन खेलों की लिए जगह बनवाई। किंगफिशर एयरलाइंस के साथ तो माल्या की फोटो लोगों के जहन में आज भी तरोताज़ा ही होगी।
दिसंबर 1955 को हुआ था। पिता विट्टल माल्या एक व्यापारी थे, जिन्होंने यूबी ग्रुप की नींव रखी थी और पिता की मृत्यु के बाद 1983 में कारोबार का भार विजय माल्या के कंधों पर आ गया। 1986 में इनकी मुलाकात एयर इंडिया की एयर होस्टेस, समीरा त्याबजी से हुई। इसके बाद उन दोनों ने शादी कर ली और 7 मई 1987 को दोनों के पुत्र सिद्धार्थ माल्या का जन्म हुआ। इसके कुछ ही समय बाद दोनों का तलाक हो गया, लेकिन माल्या ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि उनका और उनकी पत्नी का रिश्ता काफी अच्छा था। जून 1993 में माल्या ने रेखा के साथ दूसरी शादी कर ली। वे दोनों एक दूसरे को बचपन से जानते थे और इन दोनों के दो बच्चे भी हुए, जिनका नाम लेयन्ना और तान्या है। कंपनी को ऊंचाईयों पर ले जाते एक समय विजय माल्या भारत के सबसे अमीर लोगों में शुमार हो गए। बंदे ने कोई ऐसा क्षेत्र नहीं छोड़ा, जिसमें अपनी उपस्थिति न दर्ज करवाई हो। फॉर्मूला 1, फुटबॉल, क्रिकेट, घुड़दौड़ में बंदा कभी प्रायोजक के रूप में शामिल हुआ, तो कभी बंदे ने खुद ही इन खेलों की लिए जगह बनवाई। किंगफिशर एयरलाइंस के साथ तो माल्या की फोटो लोगों के जहन में आज भी तरोताज़ा ही होगी।
बंदे ने दो बार कुछ ऐसा भी किया कि वो लोगों का चहेता बन गया। घटना 2004 की हैं जब माल्या ने लंदन में हो रही एक नीलामी में टीपू सुलतान की तलवार की सफलतापूर्वक बोली लगाई और इसे भारत वापस लाया। 2009 में भी बंदे ने एक और कारनामा किया, जब मार्च 2009 में बापू से सम्बन्धित वस्तुओं को माडिसन एवेन्यू में 595 नम्बर में अमेरिका के जेम्स ओटिस ने बापू के सामानों की नीलामी की, तो विजय माल्या ने इसे भारत की प्रतिष्ठा से जोड़ते हुए बापू की सभी उपलब्ध वस्तुओं को 11 करोड़ में खरीदा। अब बेचारा बंदा 9000 करोड़ की धोखाधड़ी के मामले में देश से भगोड़ा घोषित हैं।
ललित मोदी
1963 में भारत में दिल्ली के एक मारवाड़ी परिवार में जन्में, ललित कुमार मोदी ने प्रतिष्ठित सेंट जोसेफ कालेज, नैनीताल में अध्ययन किया। उन्होंने संयुक्त राज्य के ड्यूक विश्वविद्यालय में शिक्षा ली और 1986 में मार्केटिंग में स्नातक की डिग्री पायी।ललित मोदी एक प्रतिष्ठित पिता कृष्ण कुमार मोदी के बेटे हैं। कृष्ण कुमार 4000 करोड़ रुपयों की कीमत वाली मोदी समूह के अध्यक्ष हैं। ललित मोदी के दादा राज बहादुर गुजरमल मोदी ने मोदीनगर की स्थापना की थी। बंदे ने 2007 में बीसीसीआई का सदस्य रहते हुए इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) स्थापना की जिसने रातों-रात मोदी के लिए प्रसिद्धि के रास्ते खोल दिए। अब बंदा दिमागदार हो तो सम्मान भी खूब मिलता हैं। बंदे ने 2008-09 में अवार्ड्स की झड़ी लगा दी।
BCCI को वर्ष 2008 की भारत का सबसे अधिक उन्नतिशील कंपनी बनाने के लिए उन्हें "द बिज़नस स्टैण्डर्ड अवार्ड" से पुरस्कृत किया गया।
25 सितम्बर 2008 को उन्हें एशिया ब्रांड कांफ्रेंस द्वारा "ब्रांड बिल्डर ऑफ़ द इयर" पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
26 सितम्बर 2008 को उन्हें CNBC आवाज़ द्वारा "द कनज्यूमर अवार्ड फॉर ट्रान्सफौर्मिंग क्रिकेट इन इंडिया" पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
6 अक्टूबर 2008 को उन्हें NDTV प्रोफिट द्वारा "द मोस्ट इनोवेटिव बिज़नस लीडर इन इंडिया" के रूप में सम्मानित किया गया।
24 अक्टूबर 2008 को उन्हें फ्रोस्ट & सुलिवान ग्रोथ एक्सेलेंस अवार्ड्स फॉर "एक्सेलेन्स इन इनोवेशन" से सम्मानित किया गया।
8 नवम्बर 2008 को उन्हें "टीचर्स ऐचीवमेंट ऑफ़ द इयर अवार्ड" से सम्मानित किया गया।
12 नवम्बर 2008 को उन्हें "स्पोर्ट्स बिज़नस-रशमैन्स अवार्ड फॉर स्पोर्टस ईवेन्ट ईनोवेशन" पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
22 जनवरी 2009 को उन्हें "CNBC बिज़नेस लीडर" पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
पता नहीं बेचारे से क्या गलती हो गई और मनीलॉंड्रिंग के केस में फस गया। बंदा 2010 से देश से फरार हैं।
हम तो लोगों से इतनी ही गुजारिश करेंगे कि या तो बंदे को अच्छी तरह से देख-परख कर ही अर्श पर बिठाओ और एक बार जब बिठा ही दिया तो इस तरह न टपकाओ कि बंदा “आसमां से गिरे तो जमीन तक पहुंचने की जगह विदेशी खजूर पर अटक जाए।’
■सिद्धार्थ सिंह




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