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वाराणसी Updates

बाइक सवार को बचाने में पलटी बस, 40 घायल

वाराणसी जिला जेल के गेट के समीप शुक्रवार की रात नेपाली श्रद्धालुओं से भरी तेज रफ्तार बस बाइक सवार दो लोगों को बचाने में डिवाइडर पर चढ़ कर पलट गई। बस की चपेट में आकर बगल में चल रहे बाइक सवार दो लोग भी दब गए। पुलिस और 11 एनडीआरएफ के जवानों की मदद से बस की खिड़कियों से श्रद्धालुओं को निकालकर दीनदयाल अस्पताल पहुंचाया गया। पुलिस के अनुसार इस दुर्घटना में 40 के करीब लोगों के घायल हैं, जिनमें पांच की गंभीर हैं। इनमें तीन की हालत गंभीर होने पर उन्हें बीएचयू ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया गया। इस दौरान लगभग डेढ़ घंटे तक पुलिस लाइन चौराहा से चौकाघाट के बीच आवागमन ठप रहा।
नेपाल के सुनसरी जिले से 46 श्रद्धालुओं का दल 12 अगस्त को भारत भ्रमण पर निकला है। शुक्रवार की भोर यह दल प्राइवेट बस से गया से वाराणसी के लिए रवाना हुआ। सभी काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन करते और शनिवार को इलाहाबाद रवाना हो जाते। रात 10:15 बजे के लगभग बस पुलिस लाइन चौराहा से मकबूल आलम रोड होते हुए चौकाघाट की ओर जा रही थी। इसी दौरान जिला जेल के गेट के समीप बस के सामने बाइक सवार दो लोग अचानक आ गए। इनको बचाने के चक्कर में चालक ने बस को दाएं किया, तो वो सड़क के बीचोंबीच डिवाइडर पर चढ़ गई और घिसटाते हुए पलट गई। हादसे के बाद चालक बस छोड़ कर भाग निकला। इलाकाई लोगों की सूचना पर कैंट, चेतगंज और सिगरा थाने की फोर्स के साथ ही 11 एनडीआरएफ के जवान दुर्घटनास्थल पर पहुंचे। बस के पीछे और खिड़कियों का शीशा तोड़ कर घायलों को बाहर निकाला गया। हादसे में बाइक सवार खजुरी निवासी शहनवाज (35) व रशीद (36), नेपाल के देवनारायण (55), वारिस (50) और मीना (44) की हालत गंभीर होने पर तीनों को बीएचयू ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया गया, जबकि अन्य 37 लोगों का उपचार दीनदयाल अस्पताल में किया गया। फातमान रोड और मकबूल आलम रोड के डिवाइर इन दिनों दुर्घटनाओं के लिए कुख्यात हो गए हैं।
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काशी में दी ‘अटल जी’ को भावभीनी श्रद्धांजलि, युवक ने किया पिंडदान

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी शुक्रवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। उनके निधन पर शुक्रवार को काशी में भी लोगों ने उन्हें अपने-अपने तरीके से श्रद्धांजलि दी। देर शाम शहर के मदनपुरा इलाके में मुस्लिम महिलाओं ने मोमबत्ती जलाकर दो मिनट का मौन रखा और उनके लिए दुआ की। वहीँ, एक युवक ने अटल के बेटे का फर्ज निभाते हुए परंपराओं के अनुसार सिर मुंडवा कर पिंडदान किया। वाराणसी में रहकर रोजगार करने वाले बिहार निवासी मनीष उपाध्याय‍ ने शुक्रवार को मणिकर्णिका घाट पर अटल जी फोटो सामने रख सिर मुंडन कराने के बाद विधि अनुसार पिंडदान किया। मनीष का कहना है कि अटल जी उसके पिता तुल्य थे, इसलिए उनके मोक्ष की प्राप्ति के लिए वह तेरहवीं तक के सभी क्रियाकर्म को विधि-विधान से करेंगे।
ललित कला विभाग के छात्रों ने बनाई बालू से छवि

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के ललित कला विभाग के छात्रों ने अनूठे तरीके से अटल जी को श्रद्धांजलि अर्पित की। ललित कला विभाग के छात्र रूपेश कुमार ने सुरेश गुप्ता के सहयोग से रेत से अटल जी का चेहरा बनाकर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया। की। यह कृति महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के मुख्य परिसर स्थित पंत प्रशासनिक भवन के प्रांगण में निर्मित की गई। रुपेश ने बताया कि भारत के हर ख़ास मौके पर उड़ीसा के सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक समुद्र के किनारे रेत से कलाकृति बनाते हैं। उनसे प्रेरित होकर और हमारे कुलपति और प्रोफ़ेसर शम्भू उपाध्याय के मार्गदर्शन में आज हम लोगों ने विश्वविद्यालय प्रांगण में अटल जी की रेत से कृति बनायीं है।

■ काशी पत्रिका

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