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बनारस में तोगड़िया ने पीएम मोदी को पढ़ाया ‘वीरता’ का पाठ

विश्व हिन्दू परिषद के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. प्रवीण तोगड़िया बुधवार को काशी विश्वनाथ का दर्शन करने के लिए वारणसी पहुंचे। इस दौरान एनआरसी मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरा। उन्होंने कहा कि पूरे भारत में करीब तीन करोड़ बांग्लादेशी हैं। मोदी सरकार पहले 40 लाख बांग्लादेशियों को बांग्लादेश भेजकर दिखाए तो समझेंगे की वीर हो नहीं तो सिर्फ बातें करते हो।

ज्ञानवापी पर दिया बड़ा बयान 
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन करने के बाद मीडिया से मुखातिब हुए तोगड़िया ने कहा, “काशी खंड में वर्णित एक भी मंदिर वे टूटने नहीँ देंगे। श्रृंगार गौरी का दर्शन सभी के लिए शुरू कराएंगे और काशी विश्वनाथ परिसर परिवार को ज्ञानवापी (ज्ञानवापी मस्जिद) से मुक्त कराएंगे।” तोगड़िया के अनुसार इसके लिए सरकार से कानून बनवाने के लिए उन्होंने अभियान शुरू किया है।

“लिस्ट बनाने से परिणाम नहीं निकलता है”
तोगाड़िया ने कहा कि लिस्ट बनाने से कोई परिणाम नहीं निकलता है बल्कि उन्हें वापस बांग्लादेश भेजने से निकलता है। लखनऊ, काशी और कोलकाता में भी है हमको पूछना है कितने वर्षों में उन्हें बांग्लादेश क्यों नहीं भेजा गया। अभी तक 40 लाख में से 1000 को भी बांग्लादेश नहीं भेजा गया है। पूरे देश में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चिंता है।


विकास कार्यों में ‘गोलमाल’ पर नप गए ग्राम पंचायत सचिव

पिंडरा तहसील के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत नेवादा के सेक्रेटरी अशोक पाल को कार्य मे अनियमितता बरतने और सरकारी धन के दुरुपयोग का दोषी पाया गया है। इसके बाद जिला मुख्य विकास अधिकारी ने पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए सेक्रेटरी को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड ‍करते हुए उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं। गौरतलब है उक्त सेक्रेटरी की लगातार मिल रही शिकायत के बाद सीडीओ ने जांच करायी थी।जांच में नेवादा ग्राम पंचायत के सेक्रेटरी अशोक पाल द्वारा विकास कार्यों में भारी अनियमितता पायी गयी है।

उक्त सेक्रेटरी द्वारा स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के अंतर्गत ग्राम में आये 162 शौचालयों का निर्माण नहीँ करवाया गया है। उक्त में से सिर्फ 135 एमआईएफ एवं 45 फोटो अपलोड व मौके पर 121 शौचालय ही बने हुए पाए गये, जिनमें से 20 प्रतिशत शौचालय मानक के अनुरूप नहीँ मिले हैं।

शौचालय निर्माण में अनियमितता के बाद भी जितनी धनराशि शौचालय निर्माण के लिए शासन द्वारा आयी थी सभी को ग्राम पंचायत सचिव व ग्राम प्रधान द्वारा निकाल लिया गया।
इसके अलावा ग्राम पंचायत में स्थित तालाब के घाट निर्माण कार्य के लिए आये मद में से 25,200 रुपये निकाले गए पर, जब अभिलेख को चेक किया गया तो कहीं कोई निर्माण कार्य नहीं दिखा।

उक्त जांच की रिपोर्ट सीडीओ गौरांग राठी को मिली तो उन्होंने सम्बंधित के विरुद्ध 409 और सुसंगत धारा में एफआईआर दर्ज करवाने और पंचायती राज एक्ट 1947 के क्रम में कार्रवाई कर सूचित करने के आदेश दिए हैं। इस कार्रवाई के बाद जिले के सभी ग्राम पंचायत सेक्रेटरी में हड़कंप मचा हुआ है।
■ काशी पत्रिका

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