मुझे आ गया खुद-ब-खुद दिल लगाना - Kashi Patrika

मुझे आ गया खुद-ब-खुद दिल लगाना


न सोचा न समझा न सीखा न जाना,
मुझे आ गया खुद-ब-खुद दिल लगाना।

जरा देख कर अपना जल्वा दिखाना,
सिमट कर यहीं आ न जाये जमाना।

जुबाँ पर लगी हैं वफाओं की मुहरें,
खमोशी मेरी कह रही है फसाना।

गुलों तक लगायी तो आसाँ है लेकिन,
है दुशवार काँटों से दामन बचाना।

करो लाख तुम मातम-ए-नौजवानी
प ‘मीर’ अब नहीं आयेगा वो जमाना।
■ मीर तकी मीर

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